जीवन अस्थिर, है असमंजस हर ओर,
वायरस का भय और गणनाओं का शोर,
करोना का होना, ना होना, बड़ा सवाल है,
होने की शंका होना उससे भी बड़ा बबाल है,
कुछ घर में बंधक, कुछ अनजान जगहों में,
भयभीत स्वप्न और शंकाएँ निगाहों में,
घर के काम और घर से काम की कोशिश जारी,
क्या कुछ सीखाके जाएगी ये महामारी,
आपनो के साथ कहीं सब मिल समय गुजारते हैं,
विदेशी धरती पर फसे कहीं अपने देश को पुकारते हैं,
सरकारें नित नये प्रतिबन्ध जारी करती जाती हैं,
नागरिकों से भी जिम्मेदारी की उम्मीद लगाती हैं,
उपचार से बेहतर बचाव, आज का सूत्र है यही ,
स्वास्थ्य के आगे समय या धन का भी कुछ मोल नहीं,
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More strength to all home and abroad.
Everyone take care of yourself
Hope all will be fine soon enough
Thanks for reading…!!
आज की स्थिति का सही चित्रण।
घर में बैठ कुछ अपनी जिंदगी बचाते,
नित्य कोई अपनों से दूर चले जाते,
सूर्य नित उगता,चाँद नित्य आता,
फिर भी तम निगाहों से दूर नही जाता,
वक़्त का ये व्यूह कैसा,तोड़ नही पाते,
नित्य कोई अपनों से दूर चले जाते।
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धन्यवाद आपका प्रोत्साहित करने के लिए,
बस आशा है की परिस्थिति जल्दी सामान्य हो.. !!
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