माना की हर कोई चाँद नहीं होता,
पर तारों के बिना भी आसमान नहीं होता,
चाँद को नजदीकी का फायदा मिलता है,
धरती की नजर में वही अधिक खिलता है,
यूँ तो तारों में ही ज्यादा रौशनी होती है,
वस देखने वाले की नजर की कमी होती है,
की उसको चाँद ही बड़ा दिखता है,
और वो चाँद की ही तारीफें लिखता है,
तारों ने कई वीराने हैं रोशन करे हुए
ब्राह्मण में ऊर्जा के हैं श्रोत बन हुए,
सूर्य भी तो ऐसा ही एक तारा है,
जिससे ही धरती का जीवन सारा है,
खुद को जलाता है फिर भी तारीफें कम हैं,
क्यूंकि चाँद की आँखो में ही संसार के सारे गम हैं,
कुछ लोग चाँद होकर सुंदरता की मिसाल हो जाते,
जबकि बहुत से तारे दूसरों के लिए खुद खो जाते,
अपनी नजरों की कमी को दूर करने की है जरूरत
गौर से देखो तो यह तारे ही ज्यादा हैं खूबसूरत।
©सरिकात्रिपाठी
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Thanks for reading…
Stay happy.. stay safe.. !!!
Picture credit : internet
यूँ तो तारों में ही ज्यादा रौशनी होती है,
वस देखने वाले की नजर की कमी होती है,
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धन्यवाद 🙏
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क्या कहें हम। इतनी खूबसूरत रचना मजा आ गया पढ़कर।👌👌
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सच कहा है ।
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समाज का नज़रिया.. !!
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हाँ बिलकुल सही
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