चीनी सामान से यूँ ग्राहक को नेह हो गया,
देश की अर्थव्यवस्था को जैसे मधुमेह हो गया,
है लुभावना जैसे किसी मिठाई की तरह,
जिसका लालच छोड़ना है, लड़ाई की तरह,
पर रोग है तो इलाज भी करना ही होगा,
मीठा दिखे फिर भी इससे डरना ही होगा,
स्वदेशी कड़वा हो तो भी उपचार की तरह,
बढ़ाते रहें हम एक दृढ़ विचार की तरह,
जितना संभव चीनी का परहेज ही करें,
धीरे धीरे से फिर देसी परचेज भी करें,
मधुमेह की ही तरह पडोसी नहीं हटा सकते,
परहेज से पर उसका असर जरूर घटा सकते,
जिससे देश का अर्थ स्वास्थ्य अच्छा बन सके,
और सेनिको के घरों की भी दिवाली मन सके,
©सारिकात्रिपाठी
Thanks for reading..!!
Image borrowed from the Internet.
Kyaa baat….Umda rachna.👌👌
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Dhanyawad 🙏
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सुसुन्दरम् 👌👌
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Dhanyawad 🙏
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