सालों नौकरी की, फिर भी नौकरी न छोड़ सके, तो फिर कमाया क्या?
हमेशा आभाव में रहे, फिर भी चौखट न जोड़ सके, तो फिर बचाया क्या?
प्यार बहुत किया, फिर भी साथ ना रहे कभी, तो फिर निभाया क्या?
दिल दुखाया कईबार, फिर भी एक मुस्कराहट ना ला सके, तो फिर मनाया क्या?
पूजते रहे रोज, फिर भी ईश्वर से ना मिल सके , तो फिर मन लगाया क्या?
देते रहे वो हमेशा, फिर भी माता पिता साथ नहीं, तो फिर लौटाया क्या?
दुनिया घूमें बहुत, फिर भी सोच कुंद रही, तो फिर देख के आया क्या?
चलते रहे विमानों में, फिर भी पहुंचे कहीं नहीं, तो फिर उड़ाया क्या?
खाया खूब, फिर भी शरीर कमजोर ही रहे, तो फिर पचाया क्या?
पढ़ाई दिन रात कराए, फिर भी परीक्षा से डरते रहे, तो फिर सिखाया क्या?
लिखते रहे रोजही, फिर भी किसी ने पढ़ा नहीं, तो फिर सुनाया क्या?
अरमान रहे रोज नए, फ़िर भी किया कुछ नहीं, तो फिर पाया क्या?
ज्ञान सबको दिए, फ़िर भी खुद कुछ ना किए, तो फिर कुछ बदल पाया क्या?
शिकायत रही अंधेरे से, फिर भी एक दिया ना जला सके, तो फिर कर दिखाया क्या?
ये जीवन के राशन की दुकान से लाने वाले समान की सूची है, इस लिए अपूर्ण है…!
में आपने जीवन को गौर से देख रही हूँ, कुछ और दिख जाए तो लिख लूँ,….!!
………………….more to come …..
©सारिकात्रिपाठी
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Thanks for reading..!!
Stay healthy, stay happy…